सी पी स्नो का अर्थ
[ si pi seno ]
सी पी स्नो उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- * एक अंग्रेज उपन्यासकार:"स्नो का जन्म उन्नीस सौ पाँच में हुआ था"
पर्याय: स्नो, चार्ल्स पर्सी स्नो
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- विज्ञान कथाकार उस सेतु को बना सकते हैं जिसकी चर्चा सी पी स्नो ने अपनी पुस्तक ' द टू कल्चर्स ' में की है , और इस तरह भी मानवता की सेवा कर सकते हैं।
- देखिये ' (दो संस्कृतियों वाले प्रसिद्ध) 'सी पी स्नो इन न्यूयार्क' लेख में लारैन्स क्रास ने कहा है (देखें साइन्टिफ़िक अमेरिकन सितम्बर ०९) कि “विज्ञान, आस्था और धर्म' जैसे विषय पर चर्चा 'विश्व विज्ञान उत्सव', न्यूयार्क सिटी में रखने की आवश्यकता ही क्या है !
- अंत में उन्होने कहा , “आज से पचास वर्ष पहले सी पी स्नो ने अपनी विश्वप्रसिद्ध पुस्तक 'द टू कलचर्स ' में चेतावनी दी थी कि यह दुर्भाग्य है कि विश्व दो संस्कृतियों के दो अभेद्य खन्डों में बँट गया है : कला तथा विज्ञान।
- अंत में उन्होने कहा , ” आज से पचास वर्ष पहले सी पी स्नो ने अपनी विश्वप्रसिद्ध पुस्तक ' द टू कलचर्स ' में चेतावनी दी थी कि यह दुर्भाग्य है कि विश्व दो संस्कृतियों के दो अभेद्य खन्डों में बँट गया है : कला तथा विज्ञान।
- यहां भी साहित्य और विज्ञान कथा के बीच कुछ वैसा ही अंतराल है जैसा सी पी स्नो ने अपनी ' दो संस्कृतियों ' पुस्तक में लिखा है , और जिनके बीच एक सेतु का होना मानव जाति के लिये आवश्यक है ; जो सेतु यद्यपि बन नहीं रहा है।
- वैसे तो ब्रितानी वैज्ञानिक और साहित्यकार सी पी स्नो ने विज्ञान और मानविकी विषयों और प्रकारांतर से वैज्ञानिकों और साहित्यकारों के बीच के फासलों को बहुत पहले ही 1950 के आस पास “ दो संस्कृतियों ” के नाम से बहस का मुद्दा बनाया था मगर आज भी यह विषय प्रायः . ..
- देखिये ' ( दो संस्कृतियों वाले प्रसिद्ध ) ' सी पी स्नो इन न्यूयार्क ' लेख में लारैन्स क्रास ने कहा है ( देखें साइन्टिफ़िक अमेरिकन सितम्बर ० ९ ) कि ” विज्ञान , आस्था और धर्म ' जैसे विषय पर चर्चा ' विश्व विज्ञान उत्सव ' , न्यूयार्क सिटी में रखने की आवश्यकता ही क्या है !
- देखिये ' ( दो संस्कृतियों वाले प्रसिद्ध ) ' सी पी स्नो इन न्यूयार्क ' लेख में लारैन्स क्रास ने कहा है ( देखें साइन्टिफ़िक अमेरिकन सितम्बर ० ९ ) कि ” विज्ञान , आस्था और धर्म ' जैसे विषय पर चर्चा ' विश्व विज्ञान उत्सव ' , न्यूयार्क सिटी में रखने की आवश्यकता ही क्या है !
- सी पी स्नो की कला तथा विज्ञान के बीच दरार वाली अवधारणा को क्रास ने धर्म और विज्ञान के बीच दरार वाली अवधारणा में बदल दिया है , जब कि स्नो धर्म के विरोध में न बोलते हुए अज्ञान के विरोध में बोलते हैं ! अंतत : फ़ंडामैंटलिज़म का एक मह्त्वपूर्ण लक्षण यह तो है कि ' केवल मेरा ईश्वर सत्य है , दूसरे का नहीं।
- वैसे तो ब्रितानी वैज्ञानिक और साहित्यकार सी पी स्नो ने विज्ञान और मानविकी विषयों और प्रकारांतर से वैज्ञानिकों और साहित्यकारों के बीच के फासलों को बहुत पहले ही १९५० के आस पास “दो संस्कृतियों ” के नाम से बहस का मुद्दा बनाया था मगर आज भी यह विषय प्रायः बुद्धिजीवियों के बीच उठता रहता है कि विज्ञान और मानविकी या फिर वैज्ञानिकों और साहित्यकारों के बीच के अलगाव के कौन कौन से पहलू हैं ?